Best 251+ Dushman Shayari in Hindi | दुश्मन को जलाने वाली शायरी

चमचमाती आपकी दुनिया मुबारक़ आपको..!!
हम तो अंधे हैं सो हमको रौशनी से ख़ौफ़ है..!!

लाख सब कहते रहें ‘इस ज़िंदगी से इश्क़ है’..!!
पर हक़ीक़त ये है ‘सबको ज़िंदगी से ख़ौफ़ है’..!!

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इस तरह डरने लगे हैं हम तुम्हारे इश्क़ से..!!
जिस तरह से मुजरिमों को हथकड़ी से ख़ौफ़ है..!!

ये क्या कि सब से बयाँ दिल की हालतें करनी..!!
‘फ़राज़’ तुझ को न आईं मोहब्बतें करनी..!!

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कोई ख़ुदा हो कि पत्थर जिसे भी हम चाहें..!!
तमाम उम्र उसी की इबादतें करनी..!!

सब अपने अपने क़रीने से मुंतज़िर उस के..!!
किसी को शुक्र किसी को शिकायतें करनी..!!

हम अपने दिल से ही मजबूर और लोगों को..!!
ज़रा सी बात पे बरपा क़यामतें करनी..!!

Dushman Shayari in Hindi

मिलें जब उन से तो मुबहम सी गुफ़्तुगू करना..!!
फिर अपने आप से सौ सौ वज़ाहतें करनी..!!

ये लोग कैसे मगर दुश्मनी निबाहते हैं..!!
हमें तो रास न आईं मोहब्बतें करनी..!!

कभी ‘फ़राज़’ नए मौसमों में रो देना..!!
कभी तलाश पुरानी रिफाक़तें करनी..!!

उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ..!!
अब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ..!!

हम ख़ुल्द से निकल तो गए हैं पर ऐ ख़ुदा..!!
इतने से वाक़िए का फ़साना बहुत हुआ..!!

अब हम हैं और सारे ज़माने की दुश्मनी..!!
उस से ज़रा सा रब्त बढ़ाना बहुत हुआ..!!

अब क्यूंन ज़िंदगी पे मोहब्बत को वार दें..!!
इस आशिक़ी में जान से जाना बहुत हुआ..!!

दुश्मन को जलाने वाली शायरी

अब तक तो दिल का दिल से तआरुफ़ न हो सका..!!
माना कि उस से मिलना मिलाना बहुत हुआ..!!

क्या क्या न हम ख़राब हुए हैं मगर ये दिल..!!
ऐ याद-ए-यार तेरा ठिकाना बहुत हुआ..!!

कहता था नासेहों से मिरे मुंह न आइयो..!!
फिर क्या था एक हू का बहाना बहुत हुआ..!!

लो फिर तिरे लबों पे उसी बेवफ़ा का ज़िक्र..!!
अहमद-‘फ़राज़’ तुझ से कहा न बहुत हुआ..!!

रात दिन चैन हम ऐ रश्क-ए-क़मर रखते हैं..!!
शाम अवध की तो बनारस की सहर रखते हैं..!! 

भाँप ही लेंगे इशारा सर-ए-महफ़िल जो किया..!! 
ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं..!!

ढूँढ लेता मैं अगर और किसी जा होते..!!
क्या कहूँ आप दिल-ए-ग़ैर में घर रखते हैं..!!

Attitude Dushman Shayari

अश्क क़ाबू में नहीं राज़ छुपाऊँ क्यूँकर..!!
दुश्मनी मुझ से मिरे दीदा-ए-तर रखते हैं..!! 

भाई बोलने का हक मैंने सिर्फ बहनों को दिया है..!!
वरना दुश्मन तो आज भी हमें बाप के नाम से पहचानते है..!!

वाकिफ कहाँ दुश्मन हमारी उड़ान से..!!
वो कोई ओर थे जो हार गये तूफ़ान से..!!

मेरे चाहने वाले बहुत अच्छे हैं..!!
और मेरे दुश्मन मेरे सामने अभी बच्चे हैं..!!

हमारे Attitude को देख कर..!!
दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं..!!

अभी तो बदला लेना बाकी है..!!
हाँ अकेले हैं और अकेले ही दुश्मनी काफी है..!!

करोगे दोस्ती तो बढ़ेगी यारी..!!
वरना दुश्मनी तुम्हे पड़ जाएगी भारी..!!

दुश्मनों को जलाने वाली शायरी

इक्का कितना भी उछले लेकिन..!!
हुकूमत बादशाह ही करता है..!!

हाथ में खंजर ही नहीं आँखों में पानी भी चाहिए..!!
ऐ खुदा दुश्मन भी मुझे खानदानी चाहिए..!!

जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गए..!!
जमाने में हुए चर्चे हम मशहूर हो गए..!!

इतने अमीर तो नहीं कि सब कुछ खरीद ले..!!
पर इतने गरीब भी नहीं हुए कि खुद बिक जाएँ..!!

चलती है गाड़ी उड़ती है धूल..!!
जलते हैं दुश्मन खिलते हैं फूल..!!

दुश्मनी लौट कर जरूर आएंगे..!!
आपकी सफलता देख कर..!!

दुश्मन के सितम का खौफ नही..!!
हमको हम तो दोस्तो के रूठ जाने से डरते हैं..!!

Dushman ke liye Shayari

दुश्मनी से मेरा कोई वास्ता नही..!!
पर मेरे से करोगे तो बचने का कोई रास्ता नही है..!!

शख्सियत दमदार हो तभी तो दुश्मन बनते हैं..!!
वरना कमजोर को पूछता कौन है..!!

जब दुश्मनी में मजा आने लगता है तो..!!
साले दुश्मन माफी मांगने लग जाते हैं..!!

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दुश्मनी कर मगर उसूल के साथ..!!
मुझ पर इतनी सी मेहरबानी हो..!!

मेरे मे’यार का तक़ाज़ा है..!!
मेरा दुश्मन भी ख़ानदानी हो..!!

मैं इस उमीद पे डूबा कि तू बचा लेगा..!!
अब इस के बा’द मिरा इम्तिहान क्या लेगा..!!

ये एक मेला है वा’दा किसी से क्या लेगा..!!
ढलेगा दिन तो हर इक अपना रास्ता लेगा..!!

चेतावनी शायरी

मुझे मानते सब ऐसा कि अदू भी सज्दे करते..!!
दर-ए-यार काबा बनता जो मिरा मज़ार होता..!!

मैं बुझ गया तो हमेशा को बुझ ही जाऊँगा..!!
कोई चराग़ नहीं हूँ कि फिर जला लेगा..!!

कलेजा चाहिए दुश्मन से दुश्मनी के लिए..!!
जो बे-अमल है वो बदला किसी से क्या लेगा..!!

मैं उस का हो नहीं सकता बता न देना उसे..!!
लकीरें हाथ की अपनी वो सब जला लेगा..!!

हज़ार तोड़ के आ जाऊँ उस से रिश्ता ‘वसीम..!!
मैं जानता हूँ वो जब चाहेगा बुला लेगा..!!

दुश्मन और सिगरेट को जलाने के बाद..!!
उन्हे कुचलने का मजा ही कुछ और होता है..!!

चारपाई पे आ उतारी है..!!
जिंदगी जिंदा लाश भारी है..!!

Dushman ko jalane wali Shayari

आप दुख दे रहे है रो रहा हुँ..!!
और ये फिलहाल जारी है..!!

रोना लिखा गया रोते है..!!
जिम्मेदारी तो जिम्मेदारी है..!!

मेरी मर्जी जहाँ भी सर्फ़ करु..!!
जिंदगी मेरी है, तुम्हारी है..!!

दुश्मनी के हजारो दर्जे है..!!
आखिरी दर्जा रिशतादारी है..!!

अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता..!!
कभी जान सदक़े होती कभी दिल निसार होता..!!

कोई फ़ित्ना ता-क़यामत न फिर आश्कार होता..!!
तिरे दिल पे काश ज़ालिम मुझे इख़्तियार होता..!!

जो तुम्हारी तरह तुम से कोई झूटे वादे करता..!!
तुम्हीं मुंसिफ़ी से कह दो तुम्हें ए’तिबार होता..!!

चैलेंज स्टेटस इन हिंदी

ग़म-ए-इश्क़ में मज़ा था जो उसे समझ के खाते..!!
ये वो ज़हर है कि आख़िर मय-ए-ख़ुश-गवार होता..!!

ये मज़ा था दिल-लगी का कि बराबर आग लगती..!!
न तुझे क़रार होता न मुझे क़रार होता..!!

न मज़ा है दुश्मनी में न है लुत्फ़ दोस्ती में..!!
कोई ग़ैर ग़ैर होता कोई यार यार होता..!!

तिरे वादे पर सितमगर अभी और सब्र करते..!!
अगर अपनी ज़िंदगी का हमें ए’तिबार होता..!!

ये वो दर्द-ए-दिल नहीं है कि हो चारासाज़ कोई..!!
अगर एक बार मिटता तो हज़ार बार होता..!!

गए होश तेरे ज़ाहिद जो वो चश्म-ए-मस्त देखी..!!
मुझे क्या उलट न देते जो न बादा-ख़्वार होता..!!

तुम्हें नाज़ हो न क्यूँकर कि लिया है ‘दाग़’ का दिल..!!
ये रक़म न हाथ लगती न ये इफ़्तिख़ार होता..!!

Dushman par Shayari

दुश्मनी से या किसी को दोस्ती से ख़ौफ़ है..!!
आदमी को अब तो केवल आदमी से ख़ौफ़ है..!!

आप ये कहते हैं मुझसे ‘डर नहीं मैं साथ हूँ’..!!
सच तो ये है यार मुझको आप ही से ख़ौफ़ है..!!

मेरी बर्बादी का किस्सा सुन लिया था इक दफ़ा..!!
बस तभी से आशिक़ों को आशिक़ी से ख़ौफ़ है..!!

ये क़ुर्ब क्या है कि तू सामने है और हमें..!!
शुमार अभी से जुदाई की साअ’तें करनी..!!

कैसे बे-रहम हैं सय्याद इलाही तौबा..!!
मौसम-ए-गुल में मुझे काट के पर रखते हैं..!!

कौन हैं हम से सिवा नाज़ उठाने वाले..!!
सामने आएँ जो दिल और जिगर रखते हैं..!!

दिल तो क्या चीज़ है पत्थर हो तो पानी हो जाए..!! 
मेरे नाले अभी इतना तो असर रखते हैं..!!

भड़काने वाली शायरी

चार दिन के लिए दुनिया में लड़ाई कैसी..!!
वो भी क्या लोग हैं आपस में शरर रखते हैं..!! 

हाल-ए-दिल यार को महफ़िल में सुनाऊँ क्यूँ कर..!!
मुद्दई कान उधर और इधर रखते हैं..!!

जल्वा-ए-यार किसी को नज़र आता कब है..!!
देखते हैं वही उस को जो नज़र रखते हैं..!!

आशिक़ों पर है दिखाने को इताब ऐ ‘जौहर’..!!
दिल में महबूब इनायत की नज़र रखते हैं..!!

अश्क क़ाबू में नहीं राज़ छुपाऊँ क्यूँकर..!!
दुश्मनी मुझ से मिरे दीदा-ए-तर रखते हैं..!!

कैसे बे-रहम हैं सय्याद इलाही तौबा..!!
मौसम-ए-गुल में मुझे काट के पर रखते हैं..!!

कौन हैं हम से सिवा नाज़ उठाने वाले..!!
सामने आएँ जो दिल और जिगर रखते हैं..!!

Apne hi Dushman Shayari

 दिल तो क्या चीज़ है पत्थर हो तो पानी हो जाए..!!
मेरे नाले अभी इतना तो असर रखते हैं..!!

चार दिन के लिए दुनिया में लड़ाई कैसी..!!
वो भी क्या लोग हैं आपस में शरर रखते हैं..!!

हाल-ए-दिल यार को महफ़िल में सुनाऊँ क्यूँ कर..!!
मुद्दई कान उधर और इधर रखते हैं..!!

 जल्वा-ए-यार किसी को नज़र आता कब है..!!
देखते हैं वही उस को जो नज़र रखते हैं..!!

आशिक़ों पर है दिखाने को इताब ऐ ‘जौहर’..!!
दिल में महबूब इनायत की नज़र रखते हैं..!!

राब्ता लाख सही क़ाफ़िला-सालार के साथ..!!
हम को चलना है मगर वक़्त की रफ़्तार के साथ..!!

ग़म लगे रहते हैं हर आन ख़ुशी के पीछे..!!
दुश्मनी धूप की है साया-ए-दीवार के साथ..!!

दुश्मन की औकात शायरी

किस तरह अपनी मोहब्बत की मैं तकमील करूँ..!!
ग़म-ए-हस्ती भी तो शामिल है ग़म-ए-यार के साथ..!!

लफ़्ज़ चुनता हूँ तो मफ़्हूम बदल जाता है..!!
इक न इक ख़ौफ़ भी है जुरअत-ए-इज़हार के साथ..!!

दुश्मनी मुझ से किए जा मगर अपना बन कर..!!
जान ले ले मिरी सय्याद मगर प्यार के साथ..!!

दो घड़ी आओ मिल आएँ किसी ‘ग़ालिब’ से ‘क़तील’..!!
हज़रत ‘ज़ौक़’ तो वाबस्ता हैं दरबार के साथ..!!

मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगी..!!
माँ की आँखें चूम लीजे रौशनी बढ़ जाएगी..!!

मौत का आना तो तय है मौत आएगी मगर..!!
आप के आने से थोड़ी ज़िंदगी बढ़ जाएगी..!!

इतनी चाहत से न देखा कीजिए महफ़िल में आप..!!
शहर वालों से हमारी दुश्मनी बढ़ जाएगी..!!

Shayari for Dushman

आप के हँसने से ख़तरा और भी बढ़ जाएगा..!!
इस तरह तो और आँखों की नमी बढ़ जाएगी..!!

बेवफ़ाई खेल का हिस्सा है जाने दे इसे..!!
तज़्किरा उस से न कर शर्मिंदगी बढ़ जाएगी..!!

आजकल की आशिक़ी का है अजब ही क़ायदा..!!
मिल गई तो दिलरुबा और ना मिले तो बेवफ़ा..!!

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दिल फ़रेबों की हुकूमत हर कहीं आबाद है..!!
दिल शनासो की मुसीबत हुस्न का ये दबदबा..!!

दोस्ती के नाम पर लूटे गए थे अब तलक..!!
दुश्मनी में अपना घाटा होगा पहली मर्तबा..!!

और भी बढ़ने लगी है हिज़्र में ख़ुद आगही..!!
और भी होने लगा है बेख़ुदी का फ़ायदा..!!

अब तुम्हारी बात में वो दम नहीं है ‘कीर्ति’..!!
मुँह तुम्हारे लग गया है शोहरतों का ज़ायका..!!

चुनौती पर शायरी

है यही उलझन , यही है बेबसी..!!
हम कहाँ को और जायें किस गली..!!

दिन गए जब थे दिवाने हम तिरे..!!
अब नहीं है यार कोई तिश्नगी..!!

सबको नीचा ही दिखाना है उसे..!!
और कर ही क्या सका है आदमी..!!

उसको भूलो वो पुरानी बात है..!!
अब तो अच्छी कट रही है ज़िन्दगी..!!

भाग कर आना किसी मैंदान से..!!
और क्या होगी सिवाये बुजदिली..!!

जिस तरह देखा है मैंने आपको..!!
दुश्मनी से भी बुरी है दोस्ती..!!

‘जौन’ पीछे रह गए तो क्या हुआ..!!
मैं करुँगा बात सबसे काम की..!!

Dushman ke upar Shayari

आँखों से आँसुओं के दो कतरे क्या निकल पड़े..!!
मेरे सारे दुश्मन एकदम खुशी से उछल पडे़..!!

जो दिल के हैं सच्चे उनका दुश्मन पूरा जमाना हैं..!!
इस रंग बदलती दुनिया का यही सच्चा फ़साना हैं..!!

दोस्ती भी अब लोग अधूरा करते हैं..!!
दुश्मनों की कमी अब तो दोस्त पूरा करते हैं..!!

रफ़्तार ज़िन्दगी की कुछ यूँ बनाये रखिये..!!
दुश्मनों से भी बात अदब से कीजिये..!!

जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गये..!!
जमाने में हुए चर्चे, हम मशहूर हो गये..!!

उसके दुश्मन है बहुत आदमी अच्छा होगा..!!
वो मेरी ही तरह शहर में तन्हा होगा..!!

ख़ाक मजा है जीने में..!!
जब तक आग ना लगे दुश्मन के सीने में..!!

दुश्मन को जलाने वाली शायरी हिंदी में

चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी हैं, तीर की तरह..!!
मगर खामोश रहता हूँ, अपनी तकदीर की तरह..!!

दुश्मनी जम के करो पर इतनी गुंजाईश रहे..!!
कल जो हम दोस्त बन जाए तो शर्मिंदा न हो..!!

उसका ये अंदाज़ भी दिल को भा गया हैं..!!
कल तक जो दोस्त था आज दुश्मनी पर आ गया हैं..!!

वो जो बन के दुश्मन हमे जीतने को निकले थे..!!
कर लेते अगर मोहब्बत तो हम ख़ुद ही हार जाते..!!

मैं हैराँ हूँ कि क्यूँ उस से हुई थी दोस्ती अपनी..!!
मुझे कैसे गवारा हो गई थी दुश्मनी अपनी..!!

हर शख्स है खुदा बनने में मशरूफ..!!
ये तमाशा भी खुदा देख रहा है..!!

हम दुश्मन को भी बड़ी शानदार सजा देते हैं..!!
हाथ नहीं उठाते बस नजरों से गिरा देते हैं..!!

Apne dushman Shayari

पूछा है ग़ैर से मिरे हाल-ए-तबाह को..!!
इज़हार-ए-दोस्ती भी किया दुश्मनी के साथ..!!

ना दोस्ती हे कोई न कोई दुश्मन..!!
आखिर इस दुनिया में कर क्या रहे हे हम..!!

उन बदुवाओ से डरो..!!
जो दुश्मन बोल कर नही दी जाती..!!

उसका ये अंदाज़ भी दिल को भा गया हैं..!!
कल तक जो दोस्त था आज दुश्मनी पर आ गया हैं..!!

वैसे दुश्मनी तो हम -कुत्ते- से भी नहीं करते है..!!
पर बीच में आ जाये तो -शेर- को भी नहीं छोड़ते..!!

गज़ब की गाली दी हे तजुर्बे ने..!!
आज कल अपनों से ज्यादा दुश्मन काम आते हे..!!

आज कल नए ट्रेंड आने लगे है..!!
और बच्चे बाप को दुश्मनी सिखाने लगे है..!!

धमकी दुश्मनी शायरी फोटो

फ़िक्र करने वाले काम मिलते हे दुनिया में..!!
दुश्मन तो सारा जहा हे..!!

कुछ न उखाड़ सकोंगे तुम हमसे दुश्मनी करके..!!
हमें बर्बाद करना चाहते हो तो हमसे मोहब्बत कर लो..!!

दुश्मनी हो जाती है मुफ़्त में सैकड़ों से ‘साहब’..!!
इंसान का बेहतरीन होना भी एक गुनाह है..!!

दुश्मनी जम के करो पर इतनी गुंजाईश रहे..!!
कल जो हम दोस्त बन जाए तो शर्मिंदा न हो..!!

देखा तो वो शख्स भी मेरे दुश्मनो में था..!!
नाम जिसका शामिल मेरी धड़कनों में था..!!

चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी हैं, तीर की तरह..!!
मगर खामोश रहता हूँ, अपनी तकदीर की तरह..!!

जिस खत पे ये लगाई उसी का मिला जवाब..!!
इक मोहर मेरे पास है दुश्मन के नाम की..!!

Dushman Shayari in Hindi Urdu

अपनी मोत का मेने अनोखा जाल बन लिया..!!
एक दुश्मन को मेने मेहबूब चुन लिया..!!

मास्क लगा कर 2 महीने में थक गया वो दुसमन..!!
जो कहता था औरत को हमेशा पर्दे में रहना चाहिए..!!

ख़ाक मजा है जीने में..!!
जब तक आग ना लगे दुश्मन के सीने में..!!

दुश्मनों से क्या ग़रज़ दुश्मन हैं वो..!!
दोस्तों को आज़मा कर देखिए..!!

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मुझे मेरे दोस्तों से बचाइये राही..!!
दुश्मनों से मैं ख़ुद निपट लूँगा..!!

पता था वो दुश्मन दबाना चाहते थे..!!
फिर भी हम उन्हें आजमाना चाहते थे..!!

उसके दुश्मन है बहुत आदमी अच्छा होगा..!!
वो मेरी ही तरह शहर में तन्हा होगा..!!

Attitude दुश्मन को जलाने वाली शायरी

दुश्मन को कैसे खराब कह दूं..!!
जो हर महफ़िल में मेरा नाम लेते है..!!

दोस्ती जब किसी से की जाये..!!
दुश्मनो की भी राये ली जाये..!!

सलूक चाहे जो कर लेना दुश्मन बस याद रहे..!!
मैं सब याद रखता हूँ..!!

जब खुल्लेआम दुश्मनी बयां नहीं कर पते हे लोग..!!
तोह अक्सर मोहब्बत कर लेते हे..!!

परिणाम की चिंता हम नही करते..!!
घाव एक ही दुश्मन पर करेंगे पर सटीक करेंगे..!!

तड़पते है नींद के लिए तो यही दुआ निकलती है..!!
बहुत बुरी है मोहबत, किसी दुश्मन को भी ना हो..!!

ताकत का परिचय तब देंगे जब दुश्मनी सम्मान की होगी..!!

Dushman Shayari in Hindi Text

रफ़्तार ज़िन्दगी की कुछ यूँ बनाये रखिये..!!
दुश्मनों से भी बात अदब से कीजिये..!!

हाँ बदनाम तो है हम..!!
तूने क्या नया सुना है दुश्मन वो बता..!!

एक भी मौका न दो जो दोस्त हैं दुश्मन बनें..!!
दुश्मनों को लाख मौके दो तुम्हारे हो सकें..!!

मैं कैसा हु वो सब छोड़ो..!!
ये बताओ दुश्मन तुम्हारा क्या बिगाड़ रहा हूं..!!

दोस्ती भी अब लोग अधूरा करते हैं..!!
दुश्मनों की कमी अब तो दोस्त पूरा करते हैं..!!

हर किसी को प्यार से देखते हो इससे..!!
इससे बड़ी दुश्मनी क्या होगी..!!

आँखों से आँसुओं के दो कतरे क्या निकल पड़े..!!
मेरे सारे दुश्मन एकदम खुशी से उछल पडे़..!!

दुश्मनों को जलाने वाले स्टेटस

एक नाम क्या लिखा तेरा साहिल की रेत पर..!!
फिर उम्र भर हवा से मेरी दुश्मनी रही..!!

दुश्मनी दोस्ती सी आसान नहीं..!!
दुश्मनी को निभाना पड़ता हे..!!

दिल से नही दिमाग से खेलेंगे..!!
दुश्मन को सरे आम पेलेगे..!!

मुझसे दोस्ती ना सही पर दुश्मनी भी ना करना क्योंकि..!!
नैन हर रिश्ता पुरी शिद्दत से निभाता हूँ..!!

हम भी नजर चील जैसी रखते है..!!
हमारे दुश्मन जो गीदड़ है..!!

‎लाख‬ दिये ‪‎जलाले‬ अपनी ‪‎गली‬ मे..!!
मगर ‪रोशनी‬ तो ‪हमारे‬ आने से ही ‪‎होगी..!!

दोस्ती या दुश्मनी, नहीं निभाता है आईना..!!
जो उसके सामने है, वही दिखाता है आईना..!!

Dushman Shayari in Hindi English

पहले तुम अब यादें तुम्हारी..!!
आखिर दुश्मनी क्या हे मुझसे तुम्हारी..!!

हम तो दुश्मन की शकल देख कर..!!
उसकी औकात बता देते हैं..!!

जब से मुझे पता चला है कि मेरा आत्मविश्वास मेरे साथ है..!!
तबसे मैने ये सोचना बंद कर दिया कि कौन मेरे खिलाफ है..!!

इतनी चाहत से न देखा कीजिए महफ़िल में आप..!!
शहर वालों से हमारी दुश्मनी बढ़ जाएगी..!!

चार दिन की बात है क्या दोस्ती क्या दुश्मनी..!!
काट दो इनको खुशी से यार हँसते-हँस..!!

दोस्त से अच्छे तो दुश्मन है लाला..!!
नफरत जरूर करते है दिखावे का प्यार नहीं..!!

दोस्त बनो दुश्मन बनो..!!
पर किसी का चमचा मत बनो..!!

दुश्मन को जलाने वाले स्टेटस

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे..!!
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों..!!

हद में रहो वरना असली औकात दिखा देंगे..!!
पहले ही कोन सा दुश्मन कम है दो चार और बना लेंगे..!!

जब स्टेटस कॉपी होने लग जाए तो..!!
समझ लो तरक्की कर रहे हो..!!

ऐ नसीब जरा एक बात तो बता..!!
तु सबको आजमाता हैँ या मुझसे ही दुश्मनी हैँ..!!

दुश्मन हमारे सामने आने से भी डरते है..!!
और वो पगली दिल से खेल कर चली गई..!!

मंडी लड़किया मुझसे दूर ही रहे क्यूंकि..!!
मनाना मुझे आता नहीं और भाव में किसी को देता नही..!!

दुश्मनी का सफ़र इक क़दम दो क़दम..!!
तुम भी थक जाओगे हम भी थक जाएँगे..!!

Dushmani Shayari

दुश्मन तो बहुत है पर वो कहते है ना..!!
की शेर का शिकार कुत्तों से नहीं होता..!!

मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना, क्युंकी..!!
मेरी दुश्मनी का नुकसान सह नही पाओगे..!!

मेरी ख़ामोशी से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता..!!
और शिकायत में दो लफ्ज़ कह दूँ तो वो चुभ जातें हैं..!!

सिर्फ कपड़े ही नहीं सोच भी ब्रांडेड होनी चाहिए..!!

शोर- गुल मचाने से नाम नहीं बनता..!!
काम ऐसा करो की ख़ामोशी भी अख़बारों में छप जाए..!!

इधर आ रक़ीब मेरे, मैं तुझे गले लगा लूँ..!!
मेरा इश्क़ बे-मज़ा था, तेरी दुश्मनी से पहले..!!

मेरी बराबरी ना कर दोस्त..!!
मेरे Status का इन्तजार तो तेरी वाली भी करती है..!!

धमकी दुश्मनी शायरी

और कुछ नहीं बस एक बेनाम सा बंधन होता..!!
काश तू मेरे हसीन गोरे हाथ का कंगन होता..!!

Valentine‬ तो बच्चै मनातै है..!!
आपनी वाली तो ‎Direct‬ करवा चौथ मनेयैगी..!!

जलते है मेरे दुश्मन मुझसे..!!
क्यूंकि मेरे दोस्त मुझे दोस्त नहीं भाई मानते है..!!

मेरा कोई दुश्मन नही था बस भगवा रंग सर चढ़ गया..!!
और लाखों विधर्मी मेरे दुश्मन बन गए..!!

जब दुशमन पत्थर मारे तो उसका जवाब फूल से दो..!!
लेकिन वो फूल उसकी कबर पर होना चाहिये..!!

जब दुश्मनी में मज़ा आने लगता है तो..!!
साले दुश्मन माफी मांगने लग जाते है..!!

शख्सियत दमदार हो तभी दुश्मन बनते है..!!
वरना कमजोर को पूछता कौन है..!!

Dushman Shayari

खुश रहो या खफा रहो..!!
हमेशा दूर और दफा रहो..!!

यह जो सर पर घमंड का ताज रखते हैं..!!
सुन लो दुनिया वालों हम इनके भी बाप लगते हैं..!!

हम अपने दुश्मनो को भी बहुत मासूम सजा देते हैं..!!
नही उठाते उस पर हाथ बस नजरो से गिरा देते हैं..!!

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दुश्मन हमारे सामने आने से भी डरते है..!!
और वो पगली दिल से खेल कर चली गई..!!

मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद..!!
वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं..!!

ये कह कर मुझे मेरे दुश्मन हँसता छोड़ गए..!!
तेरे दोस्त काफी हैं तुझे रुलाने के लिए..!!

दुश्मन और सिगरेट को जलाने के बाद..!!
उन्हे कुचलने का मज़ा ही कुछ और होता है..!!

चैलेंज शायरी हिंदी

कुछ न करने से उलझन होती हे खुद को..!!
और कुछ कर जाने से उलझन होती हे दुसरो को..!!

समय कितना भी खराब हो..!!
मैं उधार दुश्मनी एहसान नही लेता..!!

तुझसे अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले..!!
जो हर बात पर कहते हैं तुम्हें नहीं छोड़ेंगे..!!

दुश्मनी लौट कर जरूर आएंगे..!!
आपकी सफलता देख कर..!!

कभी ख़ुद को मेरे प्यार में भुला कर देख..!!
दुश्मनी अच्छी नहीं मुझे दोस्त बना करे देख..!!

मेरी नाराज़गी पर हक़ मेरे अहबाब का है बस..!!
भला दुश्मन से भी कोई कभी नाराज़ होता है..!!

दुश्मनी लाख सही ख़तम न कीजिये रिश्ता..!!
दिल मिलें या न मिलें हाथ मिलाते रहिये..!!

Dushmani status

जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गए..!!
जमाने में हुए चर्चे हम मशहूर हो गए..!!

मुझसे दोस्ती ना सही तो दुश्मनी भी ना करना..!!
क्यूंकि में हर रिश्ता पूरी शिददत से निभाता हूँ..!!

खुद नवाजे तुझे मुझसे बेहतर..!!
मगर तू मेरे लिए तरसे..!!

दुश्मनों ने जो दुश्मनी की हैं..!!
दोस्तों ने भी क्या कमी की हैं..!!

जगह ही नही दिल में अब दुश्मनों के लिए..!!
कब्ज़ा दोस्तों का कुछ ज्यादा ही हो गया है..!!

गलतियां माफ कीजिये..!!
दुश्मनी नही..!!

लो आज चक्कर लगाने जाते हैं..!!
दुश्मन की गली में देखना हैं..!!
अपने दिल की धड़कने तेज होती या दुश्मन की..!!

Attitude Shayari 2024

तू क्या हमारी बराबरी करेगा पगले..!!
हमारी तो नींद में भी खींची हुई..!!
फोटो भी लोग Dp लगाते हैं..!!

हम अपने से ज्यादा दुश्मनो पर नज़र रखते हैं..!!
इसलिए तो कब अपने दुश्मन बन जाते..!!
पता ही नहीं चलता है..!!

दुश्मनी मंजूर है साहब..!!
किसी के तलवे चाटना हमारे..!!
उसुलो के खिलाफ है..!!

टक्कर की बात मत करो..!!
जिस दिन सामना होगा..!!
उस दिन हस्ती मिटा देंगे..!!

अभी तो बदला लेना बाकी है..!!
हाँ अकेले है और अकेले ही..!!
दुश्मनी काफी है..!!

मेरी खोपड़ी..!!
की झोपड़ी हिलाया न दुश्मन..!!
तो तेरी हस्ती की बस्ती जला दूंगा..!!

तुमसे अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले..!!
हर बात पर कहते हे की..!!
तुझे नहीं छोड़ेंगे..!!

Dushman Quotes in Hindi

हमको शायद प्यार और दोस्ती..!!
नहीं करना आता होगा..!!
लेकिन दुश्मनी हम बखूबी निभा सकते हे..!!

हम उनकी मोहब्बत के लिए खुद के ही..!!
दुश्मन बन गए..!!
और वो मोहब्बत ही दुश्मनो से कर गए..!!

दुश्मनी जम कर करो..!!
लेकिन ये गुंजाईश रहे..!!
जब कभी हम दोस्त हो शर्मिंदा न हो..!!

दुश्मन होता तो मौका देते..!!
क्योंकि उसके पास वजह होती..!!
तू तो दोस्त था साले..!!

औकात नही थी इस दुनिया में किसी की जो हमारी..!!
कीमत लगा सके लेकिन दोस्ती में..!!
आखिर मुफ़्त में खुद बिक गया..!!

प्यार, एहसान, नफरत..!!
दुश्मनी जो चाहो वो मुझसे करलो..!!
आप की कसम वही दुगुना मिलेगा..!!

सुधरी हे तो बस मेरी आदते..!!
वरना मेरे शौक..!!
वो तो आज भी तेरी औकात से ऊँचे हैं..!!

Dushmano ke liye Shayari

धोखा देने की बात मत कर पगली..!!
यहाँ ‪Wish‬ पूरी ना होने पे लोग ‪‎भगवान‬ बदल देते है..!!
तो तू क्या चीज है..!!

नाम इसलिए उँचा हैं हमारा..!!
क्योंकि हम ‘बदला लेने की नही..!!
बदलाव लाने, की सोच रखते हैं..!!

है जीने में जब तक महाकाल न बसें सीने में जो महाकाल..!!
बस गए सीने में तो आग लग ही जायेगी दुश्मन के सीने में..!!
जय महादेव..!!

हम अपने से ज्यादा दुश्मनो पर नज़र रखते हे..!!
इसलिए तो, कब अपने दुश्मन बन जाते हे..!!
पता ही नहीं चलता..!!

दुश्मनी भी आवश्यक है..!!
जब बातें, अधिकार, चरित्र..!!
एवं सम्मान की हो..!!

जीस्म पर खरोच दे दोगे तो चलेगा..!!
मगर आत्मसम्मान पर खरोच और..!!
दुश्मनी बिल्कुल भी बर्दाश्त नही करूंगा..!!

दुश्मनों की महफिल में चल रही थी..!!
मेरे कत्ल की तैयारी..!!
मैं पहुंचा तो बोले यार..!!
बहुत लम्बी उम्र है तुम्हारी..!!

राजनीतिक दुश्मनी शायरी

रिश्ते में प्यार की ताक़त कुछ वक़्त..!!
बीत जाने के बाद पता चलती हे..!!
वरना पहली मुलाकात में तो..!!
दुश्मन भी प्यार से बाते करता हे..!!

दुश्मन प्यारा नहीं होता..!!
वो एक ही इंसान ऐसा होता हे..!!
जो हमारी कमजोरी और..!!
हमारी ताक़त की परख रखता हे..!!

अब न यकीन किसी पर करीब से करेंगे..!!
दुःख सुख अपने किसी करीब से करेंगे..!!
दोस्त ही आखिर बन गए दुश्मन मेरे..!!
जब कभी की दोस्ती तो सीधे रक़ीब से करेंगे..!!

हिफाज़त गेरो से तो कर लेते..!!
लेकिन कोई अपना ही दुश्मनी पर उतर गया था..!!
जिसको हमसफ़र चुना था हमने..!!
वो अपने वादों से मुकर गया..!!

खाये हे फरेब कुछ यूँ..!!
अब न दोस्ती की वफ़ा समझ होगी..!!
न दुश्मनो की रहगुजर समझ होगी..!!
भले तन्हाई होगी या रुसवाई होगी..!!

कभी कभी जीत भी अब हार जैसी लगती हे..!!
जब अपनों का साथ नहीं मिलता..!!
और हार भी कभी कभी जीत जैसी लगती हे..!!
जब दुश्मन भी आपके होसलो की तारीफ करता हे..!!

लोग कहते हैं कि इतनी दोस्ती मत करो कि..!!
दोस्त दिल पर सवार हो जाए..!!
मैं कहता हूँ दोस्ती इतनी करो कि..!!
दुश्मन को भी तुम से प्यार हो जाए..!!

Dushman Shayari photo

कमाने को तो इज़्ज़त भी हे ज़माने में..!!
सिर्फ दौलत नहीं कमाता हु..!!
गुजरता हु जब भी..!!
दुश्मनो की गलियों से..!!
ढेरो सलाम पाटा हु..!!

प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता..!!
ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता..!!
दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की..!!
उसके बिना जिया नहीं जा सकता..!!

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खुदा करे..!!
जो भी करे मुझसे दोस्ती..!!
उसकी सारी हसरत दुआ बन जाये..!!
और जो भी करे मुझसे दुश्मनी..!!
उसकी क्रश उसके बच्चो की बुआ बन जाये..!!

दुश्मनों की महफ़िल में चल रही थी..!!
मेरे कत्ल की तैयारी..!!
मैं पहुंचा तो बोले यार..!!
बहुत लम्बी उम्र है तुम्हारी..!!

जिन्हे अच्छे से जनता भी नहीं..!!
वो मुझसे दोस्ती करना चाहते हे..!!
और कुछ लोग ऐसे भी हे..!!
जो मेरे साथ मुझ से दोस्ती करना चाहते हे..!!

जाती हुई मय्यत देख के भी..!!
वल्लाह तुम उठ कर आ न सके..!!
दो चार क़दम तो दुश्मन भी..!!
तकलीफ़ गवारा करते हैं..!!

दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद..!!
वक्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते है..!!
मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर..!!
रू-ब-रू होने पर सलाम किया करते हैं..!!

Dushmani Shayari in Hindi

बात बस नजरिये की है..!!
काफी अकेला हु..!!
या दुश्मन के लिए..!!
अकेला काफी हु..!!

रेत पर नाम कभी लिखते नहीं..!!
रेत पर नाम कभी टिकते नहीं..!!
लोग कहते है कि हम पत्थर दिल हैं..!!
लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं..!!

बहुत काम खुशिया गम बेपनाह मिले हे..!!
मुझे दोस्त के रूप में दुश्मन हजार मिले हे..!!
में रिश्तो को दिल से निभाता था..!!
वो तो मुझे सिर्फ उपहार में मिले हे..!!

Hamare ठिकाने मे सिर्फ..!!
दो ही log कदम रखते है..!!
जिनका फौलादी जीगर हो या..!!
जिनका zErO फिगर हो..!!

दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद..!!
वक्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते है..!!
मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर..!!
रू-ब-रू होने पर सलाम किया करते हैं..!!

दुश्मनों की महफ़िल में चल रही थी..!!
मेरे कत्ल की तैयारी..!!
मैं पहुंचा तो बोले यार..!!
बहुत लम्बी उम्र है तुम्हारी..!!

लोग कहते हैं कि इतनी दोस्ती मत करो..!!
कि दोस्त दिल पर सवार हो जाए..!!

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